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संचलन

आज मेरे *संघ*  उत्साह है उमंग है प्यार है बल है ताकत है जोश है जिसमें होश है आज मेरा  उत्सव है त्योहार है तीर्थ है सम्मान है व्यवहार है आज मेरे पास भक्ति है शक्ति है संयम है सम्मिक है सामर्थ्य है ताकत है अनुशासन है आज मेरे *संघ* मेरे हितेषी हैं सज्जन हैं उनका प्यार है उनकी उम्मीद है उनको इंतजार है उनका आशीर्वाद है उनका विश्वास है उनके द्वारा सजा खूबसूरत बाजार है सजन मेरी हिम्मत हैं ताकत हैं प्रेरणा हैं दुर्जनों में.. आहट है घबराहट है बौखलाहट है दिखावट है आज मेरा.. मंथन है चिंतन है प्राचल है चलन है हां आज हमारा *संचलन*  है.. .... *अग्रेसर*
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"26 अगस्त/इतिहास-स्मृति *चित्तौड़ का पहला जौहर* जौहर की गाथाओं से भरे पृष्ठ भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। ऐसे अवसर एक नहीं, कई बार आये हैं, जब हिन्दू ललनाओं ने अपनी पवित्रता की रक्षा के लिए ‘जय हर-जय हर’ कहते हुए हजारों की संख्या में सामूहिक अग्नि प्रवेश किया था। यही उद्घोष आगे चलकर ‘जौहर’ बन गया। जौहर की गाथाओं में सर्वाधिक चर्चित प्रसंग चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का है, जिन्होंने 26 अगस्त, 1303 को 16,000 क्षत्राणियों के साथ जौहर किया था। पद्मिनी का मूल नाम पद्मावती था। वह सिंहलद्वीप के राजा रतनसेन की पुत्री थी। एक बार चित्तौड़ के चित्रकार चेतन राघव ने सिंहलद्वीप से लौटकर राजा रतनसिंह को उसका एक सुंदर चित्र बनाकर दिया। इससे प्रेरित होकर राजा रतनसिंह सिंहलद्वीप गया और वहां स्वयंवर में विजयी होकर उसे अपनी पत्नी बनाकर ले आया। इस प्रकार पद्मिनी चित्तौड़ की रानी बन गयी। पद्मिनी की सुंदरता की ख्याति अलाउद्दीन खिलजी ने भी सुनी थी। वह उसे किसी भी तरह अपने हरम में डालना चाहता था। उसने इसके लिए चित्तौड़ के राजा के पास धमकी भरा संदेश भेजा; पर राव रतनसिंह ने उसे ठुकरा द...

राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि

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राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि 25 अगस्त/पुण्य-तिथि भारत तथा विश्व के 130 देशों में अपनी हजारों शाखाओं एवं संस्थाओं के माध्यम से कार्यरत प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्था है। इसकी विशेषता यह है कि इसके सारे प्रमुख सूत्र महिलाओं के हाथ में रहते हैं। इस नाते यह नारी शक्ति के जागरण एवं उनकी प्रशासकीय कुशलता के प्रकटीकरण का एक महान आध्यात्मिक आन्दोलन है। इस संस्था की स्थापना सिन्ध हैदराबाद (वर्तमान पाकिस्तान) में जन्मे श्री लेखराज ने अक्तूबर, 1937 में की थी। ऐसा माना जाता है कि उन्हें शिव के स्वरूप में परमात्मा का साक्षात्कार हुआ था। भगवान शिव ने उन्हें सतयुग के आदर्शों पर चलने वाली नयी दुनिया बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लेखराज जी को प्रजापिता ब्रह्मा कहा। लेखराज जी ने आध्यात्मिक विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए सर्वप्रथम ओम मण्डली बनायी। इसी क्रम में आगे चलकर ‘प्रजापिता ब्रह्मा ईश्वरीय विश्वविद्यालय’ की स्थापना हुई। सिन्धी भाषा में बड़े भाई को ‘दादा’ कहते है। अतः लेखराज जी सब ओर दादा के नाम से प्रसिद्ध हो गये। दादा लेखराज क...

बलिदान को उत्सुक राजगुरु

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24 अगस्त/जन्म-दिवस बलिदान को उत्सुक राजगुरु सामान्यतः लोग धन, पद या प्रतिष्ठा प्राप्ति के लिए एक-दूसरे से होड़ करते हैं; पर क्रांतिवीर राजगुरु सदा इस होड़ में रहते थे कि किसी भी खतरनाक काम का मौका भगतसिंह से पहले उन्हें मिलना चाहिए। श्री हरि नारायण और श्रीमती पार्वतीबाई के पुत्र शिवराम हरि राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे के पास खेड़ा (वर्तमान राजगुरु नगर) में हुआ था। उनके एक पूर्वज पंडित कचेश्वर को छत्रपति शिवाजी के प्रपौत्र साहू जी ने राजगुरु का पद दिया था। तब से इस परिवार में यह नाम लगने लगा। छह वर्ष की अवस्था में राजगुरु के पिताजी का देहांत हो गया। पढ़ाई की बजाय खेलकूद में अधिक रुचि लेने से उनके भाई नाराज हो गये। इस पर राजगुरु ने घर छोड़ दिया और कई दिन इधर-उधर घूमते हुए काशी आकर संस्कृत पढ़ने लगे। भोजन और आवास के बदले उन्हें अपने अध्यापक के घरेलू काम करने पड़ते थे। एक दिन उस अध्यापक से भी झगड़ा हो गया और पढ़ाई छोड़कर वे एक प्राथमिक शाला में व्यायाम सिखाने लगे। यहां उनका परिचय स्वदेश साप्ताहिक, गोरखपुर के सह सम्पादक मुनीश अवस्थी से हुआ। कुछ ही समय में वे क्रांतिकारी दल के...

जाहरवीर गोगा

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जाहरवीर गोगा जीवन परिचय जाहरवीर गोगा 11वीं   सदी के महान योद्धा थे। जन्मस्थान : चुरू जिले का ददरेवा गाँव पिता : चौहान वंश के शासक जेवरसिंह माता : रानी बाछल जन्मतिथि : विक्रम संवत 1003 में भाद्रपद कृष्णा नवमी चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद जाहरवीर गोगा ख्याति प्राप्त राजा थे। जाहरवीर गोगा का राज्य सतलुज सें हांसी (हरियाणा) तक था। राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश , हरियाणा पंजाब , हिमाचल प्रदेश में जाहरवीर गोगा लोक देवता के रूप मे ससम्मान पूजे जाते हैं। लोकमान्यता व लोककथाओं में गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। सामान्यतः उन्हें गोगा बाप्पा, गोगाजी , गुग्गा , जाहिर वीर, गातोड़जी (गातरोड़जी), गोवर्धनसिंह चौहान और जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। जाहरवीर गोगा की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है और सैकड़ों वर्ष बीत गए , लेकिन उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर विद्यमान है। जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं जाहरवीर गोगा की घोड़े पर सवार मूर्ति स्थापित है। गुरु गोरखनाथ ...

Krishna Janmasthmi / कृष्ण जन्माष्टमी

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    भगवान श्री कृष्ण के बारे में जितना भी जानिए आपको कम ही लगेगा। हिंदू देवी-देवताओं में श्री कृष्ण का दर्जा सबसे अलग। हिंदू धर्म में अगर भगवान के किसी अवतार के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा हुई है तो वो कृष्ण ही हैं। शनिवार को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम होगी। श्री कृष्ण के बारे में हम आपको ऐसी 10 बातें बताने जा रहे हैं जो शायद ही आप जानते हों- 1- श्री कृष्ण का जन्म रोहिण नक्षत्र में हुआ था। वो देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान थे। श्री कृष्ण के जन्म से पहले छह भाइयों को कंश ने मार दिया था। कंस देवकी का भाई था और अपनी बहन से बहुत प्यार करता था। देवकी और वासुदेव की शादी के बाद आकाशवाणी हुई कि कंस की मौत देवकी के आठवें पुत्र के हाथों होगी। इसके बाद कंस ने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया और एक-एक करके उनके सात बच्चों को मार दिया। कृष्ण के जन्म के बाद वासुदेव उन्हें गोकुल में यशोदा और नंद बाबा के घर छोड़ आए थे। कृष्ण को जन्म भले ही देवकी ने दिया हो लेकिन उनका पालन-पोषण यशोदा ने किया था। 2- श्री कृष्ण के गुरु संदीपनि थे, कृष्ण ने अपने...

संघ ने की माओवादी हमले की कड़ी निंदा

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 नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर माओवादियों के हमले की निंदा की है. सोमवार, 1 दिसंबर को हुए इस हमले में 14 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.   संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य ने कहा, “ हम छत्तीसगढ़ में कल के माओवादियों के कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें हमारे 14 शूरवीर शहीद हो गये”. माओवादियों ने सोमवार को अपरान्ह सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में यह हमला किया.        छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के लिये इस वर्ष के सबसे बड़े इस एक दिनी हादसे में इसके दो अधिकारियों सहित 14 जवानों मारे गये. कम से कम 15 जवान घायल हुये हैं. इनमें से पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है. डिप्टी कमांडेंट डीएस वर्मा और सहायक कमांडेंट राजेश कपूरिया समेत सभी घायल सीआरपीएफ की 223 बटालियन के हैं. अतिरिक्त महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशंस) आर के विज ने पुष्टि करते हुए कहा, “ माओवादियों ने जब उन पर घात लगा कर हमला किया तब हमारे जवान एक ऑपरेशन के लिये अंदर (जंगल में) थे. 14  जवान मारे गये.”  यह ह...

नागरिकों के अच्छे आचरण से, संकल्प शक्ति, संगठन एवं परिश्रम से देश श्रेष्ठ बनेगा- दत्तात्रेय जी होसबले

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उदयपुर 27 नवम्बर। देश बड़ा होता है नागरिकों के अच्छे आचरण से, संकल्प शक्ति, संगठन एवं परिश्रम से देश श्रेष्ठ बनेगा,  आज की चुनौतियां में युवक की भुमिका महत्वपूर्ण है उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबोले ‘‘आज की चुनौतियां और युवक की भुमिका’’ विषय पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चीन भारत के व्यापार पर निरंतर कब्जा करता जा रहा है यहां तक कि गणेश पुजा के लिए गणेश भी चीन से आ रहे है। अरूणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है और अरूणाचल प्रदेशवासीयों को चीन में बगैर वीजा के प्रवेश देता है। उन्होंने कहा कि नक्सलवादी सरकार के साथ युद्ध करना चाहते है, समाज में भय पैदा करना चाहते है। इनका एक मात्र उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना है। भारत में लोकतंत्र है जो कि हर समस्या का समाधान शांति से संभव है। बन्दूक की नोक पर समस्या का हल नहीं हो सकता है। भारत का श्रेष्ठ विचार है, हमने नदी, पत्थर सभी में भगवान को देख है, सांप और चुहे तक को पूजा है। भारत में जो भी आये हमने भाईचारे के उन्हे स्वीकार किया, चाहे वो पारसी हो, बौद्ध हो। लेकिन एक तरफ जहां ...

हिंदुत्व के वैश्विक प्रसार के संकल्प के साथ विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित ‘विश्व हिन्दू कांग्रेस’ शुरू

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नई दिल्ली Nov 21, 2014. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत ने कहा है कि समस्त संसार को मानवता का पाठ पढ़ाने का परंपरा से भारत का दायित्व है, जिसकी आवश्यकता संसार को सदा रहेगी. परम पूज्य सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत ने यहां 21 नवंबर को वर्ल्ड हिन्दू फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रथम वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में वैश्विक हिन्दू पुनर्अभ्युदय के लिये उपयुक्त समय और हिन्दू समाज के सामूहिक प्रयास विषय पर अपने सारगर्भित मार्गदर्शन में कहा, “ पूज्य दलाई लामा जी ने जिन सरल शब्दों में कहा फेथ, ह्यूमैनिटी, उसकी आवश्यकता तो संसार को सदा थी, सदा है, सदा रहेगी और उसको देने का काम हमको करना है” उन्होंने कहा कि एक समाज,  एक राष्ट्र और एक देश के नाते भारत के अस्तित्व का यही प्रयोजन है. इसीलिये पचास से अधिक देशों से हिन्दू के नाते, हिन्दू समाज का विचार करते हुए सम्पूर्ण विश्व को आवश्यक  मार्गदर्शन प्रदान कर सकें- ऐसा रूप हिन्दू समाज को देने के लिये क्या किया जाये, इसका विचार करने के लिये यहां आये हैं. परम पूज्य ने कहा कि जहां तक उपयुक्त समय की ब...