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Showing posts from September, 2014

संघ की इसरो के वैज्ञानिकों व सरकार को बधाई

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नई दिल्ली. मंगलयान की सफलता के गौरवशाली अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों और केन्द्र सरकार को बधाई दी है. . बुधवार, 24 सितंबर को जारी अपने प्रेस वक्तव्य में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य ने कहा “संघ की ओर से हम इन गौरवशाली क्षणों में इसरो के वैज्ञानिकों को उनके पहले प्रयास में मार्स ऑर्बिट मिशन (मॉम) की उत्कृष्ट सफलता पर और पूर्ण सहयोग व उत्साहवर्धन के लिये सरकार को हार्दिक बधाई देते हैं” डॉ. वैद्य ने यह भी कहा कि भारत ने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्षयान स्थापित कर दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच दिया है. भारत मंगलयान की इस सफलता के साथ रूस, अमेरिका और यूरोपीय संघ की विशेष श्रेणी में सम्मिलित हो गया है. साथ ही, मंगलयान ने मंगल ग्रह की ओर एक कदम और बढ़ा दिया और मंगल पर पहुंचने के लिये एशिया में पहला देश बनने पर हम सबको गौरवशाली बना दिया है. ऐसे समय में जब समूचे विश्व की दृष्टि भारत पर केन्द्रित है, यह महान उपलब्धि गौरव पथ पर मील का एक और पत्थर साबित होगी.

25 सितम्बर/जन्म-दिवस, एकात्म मानववाद के प्रणेता : दीनदयाल उपाध्याय

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25 सितम्बर/जन्म-दिवस, एकात्म मानववाद के प्रणेता : दीनदयाल उपाध्याय सुविधाओं में पलकर कोई भी सफलता पा सकता है; पर अभावों के बीच रहकर शिखरों को छूना बहुत कठिन है. 25 सितम्बर, 1916 को जयपुर से अजमेर मार्ग पर स्थित ग्राम धनकिया में अपने नाना पण्डित चुन्नीलाल शुक्ल के घर जन्मे दीनदयाल उपाध्याय ऐसी ही विभूति थे. दीनदयाल जी के पिता श्री भगवती प्रसाद ग्राम नगला चन्द्रभान, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश के निवासी थे. तीन वर्ष की अवस्था में ही उनके पिताजी का तथा आठ वर्ष की अवस्था में माताजी का देहान्त हो गया. अतः दीनदयाल का पालन रेलवे में कार्यरत उनके मामा ने किया. ये सदा प्रथम श्रेणी में ही उत्तीर्ण होते थे. कक्षा आठ में उन्होंने अलवर बोर्ड, मैट्रिक में अजमेर बोर्ड तथा इण्टर में पिलानी में सर्वाधिक अंक पाये थे. 14 वर्ष की आयु में इनके छोटे भाई शिवदयाल का देहान्त हो गया.1939 में उन्होंने सनातन धर्म कालिज, कानपुर से प्रथम श्रेणी में बी.ए. पास किया. यहीं उनका सम्पर्क संघ के उत्तर प्रदेश के प्रचारक श्री भाऊराव देवरस से हुआ. इसके बाद वे संघ की ओर खिंचते चले गये. एम.ए. करने के लिए वे...

एकात्म मानव दर्शन - पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

आज स्वतंत्रता-प्राप्ति के 66 वर्ष उपरान्त भी भारत के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना हुआ है कि सम्पूर्ण जीवन की रचनात्मक दृष्टि से कौन-सी दिशा ली जाये? इस संबंध में सामान्यतया लोग सोचने के लिये तैयार नहीं. वे तो तात्कालिक प्रश्नों का ही विचार करते हैं. कभी आर्थिक प्रश्नों को लेकर उनको सुलझाने का प्रयत्न होता है और कभी राजनीतिक अथवा सामाजिक प्रश्नों को सुलझाने के प्रयत्न किये जाते हैं. किंतु मूल दिशा का पता न होने के कारण ये जितने प्रयत्न होते हैं, न तो उनमें पूरा उत्साह रहता है, न उनमें आनंद का अनुभव होता है और न उनके द्वारा जैसी सफलता मिलनी चाहिये वैसी सफलता ही मिल पाती है. आधुनिक बनाम पुरातन देश की दिशा के संबंध में विचार करने वालों में दो प्रकार के लोग हैं. एक तो वे हैं जो कि भारत की हजारों वर्षों से चली आने वाली प्रगति की दिशा में, पराधीन होने पर जहाँ तहाँ रुक गया, वहाँ से उसे आगे बढ़ाना चाहिये-यह विचार ले कर चलते हैं. दूसरी ओर वे लोग हैं जो कि भारत की उस पुरानी वस्तु का भिन्न-भिन्न कारणों से (काल के कारण से या मूलतः उस अवस्था को अयोग्य मानकर) उसके संबंध में विचार करने को तैया...

बहुआयामी व्यक्तित्व : आचार्य तुलसी

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23 सितम्बर/पुण्य-तिथि बहुआयामी व्यक्तित्व  : आचार्य तुलसी भारत की पुण्य धरा पर अनेक ऋषियों, सन्तों तथा मनीषियों ने जन्म लेकर अपना तथा समाज का जीवन सार्थक किया है। ऐसे ही एक मनीषी थे आचार्य श्री तुलसी, जिनका जन्म 20 सितम्बर,  1914 को हुआ था। वे महावीर स्वामी द्वारा प्रवर्तित जैन पन्थ की तेरापन्थ शाखा में मात्र 11 वर्ष की अवस्था में दीक्षित हुए और 22 वर्ष में इस धर्मसंघ के नौवें अधिशास्ता बन गये। आचार्य तुलसी यों तो एक पन्थ के प्रमुख थे; पर उनका व्यक्तित्व सीमातीत था। अपनी मर्यादाओं का पालन करते हुए भी उनके मन में सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेम था। इसलिए सभी धर्म, मत और पन्थ, सम्प्रदायों के लोग उनका सम्मान करते थे। उनका जीवन एक खुली किताब की तरह था, जिसे पढ़ने के लिए किसी तरह के अक्षरज्ञान की भी आवश्यकता नहीं थी। इतना ही नहीं, उसे जितनी बार पढ़ो, हर बार नये अर्थ उद्घाटित होते थे। श्रद्धालु घण्टों उनके पास बैठकर उनके प्रवचन का आनन्द लेते थे। आचार्य तुलसी अपने प्रवचन में गूढ़ तथ्यों को इतनी सरलता से समझाते थे कि सामान्य व्यक्ति को भी वे आसानी से समझ में आ जाते थे। यद्यपि ...

जयोस्तुते

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जयोस्तुते

दिखने लगे षड़यंत्र के सूत्र ...

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 उग्रवादी संगठन अल कायदा ने पिछले दिनों ‘भारत में जिहादी राज ‘  लाने की धमकी दी.’ब्रेकिंग इंडिया’   पुस्तक में इसके बारे में पहले ही बताया जा चुका है. अब अल कायदा की प्रत्यक्ष धमकी के बाद उसमें वर्णित भारत विरोधी षड्यंत्र की कलई खोलने वाले अन्य लेखों की चेतावनियों का महत्व और बढ़ गया है. इस पुस्तक के अनुसार, जिहादियों, चर्च के तत्वों और माओवादियों ने इस देश को आपस में बांट लिया है और बड़े-बड़े क्षेत्रों में बांटकर उसमें एक दूसरे की पूरी शक्ति से सहायता करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. चर्च, जिहादी एवं माओवादी, इन तीनों घटकों ने पूरे देश में भूमिगत आंदोलन के लिये तैयारी कर रखी है. ये तीनों घटक विश्व में अपनी अधिकाधिक सत्ता बनाये रखने की होड़ में रहते ही हैं, लेकिन उनका यह आपस का बैर काफी पुराना चल रहा है. इसमें अनेक युद्ध भी हुये हैं, फिर भी ये घटक आज एक होकर इस तरह परोक्ष युद्ध की योजना पर अमल करेंगे, इस पर पहले तो विश्वास नहीं होता, लेकिन यह ध्यान आते ही इस पर भरोसा होने लगता है कि इस अलकायदा का गठन कभी अमेरिका के स्वार्थ से हुआ था. यह पूरे विश्व का अनुभव है कि उ...

सामाजिक समरसता के लिये आरक्षण जरुरी : मोहन जी भागवत

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सामाजिक समरसता के लिये आरक्षण जरूरीः मोहन भागवत   नई दिल्ली।  7 सितंबर को नई दिल्ली में एन.डी.एम.सी. कन्वेंशन सेंटर में भाजपा के प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय सोनकर शास्त्री कृत तथा प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों ‘हिन्दू खटिक जाति’, ‘हिन्दू चर्मकार जाति’, ‘हिन्दू बाल्मीकि जाति’ का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक माननीय   मोहनराव भागवत जी के कर-कमलों द्वारा हुआ. सरसंघचालक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम आरक्षण का समर्थन करते हैं, जब तक समाज में असमानता रहेगी, आरक्षण जरूरी है. समाज में उच्च स्थान पाना दलित जातियों का हक रहै और उच्च जातियाँ ऐसा करती हैं तो कोई अहसान नहीं करेंगी. उन्होंने कही कि दलितों ने एक हाजर साल तक कष्ट सहा है. उनकी स्थिति ठीक करने के लिये हमें सौ साल तक मुश्किल झेलने के लिये तैयार रहना चाहिये. जिन मजबूरियों के कारण उन्होंने यह सब सहा, अब ये मजबूरियाँ नहीं रही, क्योंकि हमें स्वतंत्रता मिल गई है. अब हमारी जिम्मेदारी उन्हें बराबरी का हक दिलाना है. संघ प्रमुख ने कहा क विक...

परिचर्चा - "कृषि नीति - २०१३"

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वि.स.के. उदयपुर-    भारतीय किसान संघ के अंतर्गत  भारतीय एग्रो इकोनोमिक रिसर्च सेन्टर  की स्थानीय ईकाई द्वारा  “कृषि नीति  - २०१३”  विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन दिनांक ७सितम्बर २०१४, रविवार को विश्व संवाद केंद्र, उदयपुर में किया गया |     परिचर्चा में कृषि विज्ञान से जुड़े हुए अनेक विशेषज्ञों एवं जयपुर से पधारे भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री एन.एल.मीणा  एवं  श्री बद्रीनारायण चौधरी  उपस्थित थे, परिचर्चा के एक सत्र में  रा.स्व.संघ. राजस्थान के वरिष्ठ प्रचारक माननीय नन्दलाल जी ने मार्गदर्शन किया |     श्री एन.एल.मीणा ने राजस्थान की कृषि नीति में कृषि पर सरकारी व्यय बढाने, नयी जल नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया |       श्री बद्रीनारायण चौधरी ने ग्राम स्तर पर ही कृषकों हेतु विभिन्न सुविधायें उपलब्ध करवाने हेतु, खेती को लाभकारी बनाने  एवं पलायन रोकने के लिये नई नीति में उपाय करने की  आवश्यकता बताई |  अन्य विशेषज्ञों ने किसानों को फूड प्र...

इंडियन मुजाहिदीन का आतंकवादी सहारनपुर से गिरफ्तार

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने जामा मस्जिद पर आतंकी हमले सहित कई मामलों में वांछित इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी एजाज शेख को 5 सितंबर की रात को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया. विशेष आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि आईएम सदस्य एजाज शेख को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया. जामा मस्जिद हमले सहित कई आतंकी हमले में वह संलिप्त था. शेख पुणे का निवासी है. वह तकनीकी विशेषज्ञ माना जाता है और इंडियन मुजाहिदीन का महत्वपूर्ण सदस्य है. वह लंबे समय से फरार था और एक गुप्त सूचना के आधार पर विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने उसे पकड़ा. शेख की गिरफ्तारी आईएम के लिये एक और बड़ा झटका है. इस साल मार्च में इंडियन मुजाहिदीन के भारत ऑपरेशंस प्रमुख तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को विशेष प्रकोष्ठ ने भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था. स्रोत: प्रेस ट्रस्ट

अल-कायदा के नाम से लगे ‘लव जिहाद’ के पर्चे, हिंदुओं-वनवासियों को धमकी

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  रांची. झारखंड की राजधानी रांची में राष्‍ट्रीय स्‍तर की शूटर तारा शाहदेव के साथ ‘लव जिहाद’ का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा के नाम से जारी किए गये सौ से अधिक पर्चों की वजह से तनाव फैल गया है. इन पर्चों में हिन्दुओं और वनवासियों को जान से मारने और उनकी लड़कियों को ‘लव जिहाद’ के जरिये मुसलमान बनाने की धमकी दी गई है. ये पर्चे शहर के रातू इलाके से बरामद किए गये हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, 5 सितंबर को देर रात उपद्रवी तत्वों ने पर्चे लगाते समय पाकिस्तान जिंदाबाद और अल-कायदा जिंदाबाद के नारे लगाये. पर्चे में कहा गया है कि सभी हिंदू और आदिवासी एक महीने के भीतर अपना गांव छोड़कर भाग जायें नहीं तो उन्‍हें गोली मार दी जायेगी या काट दिया जायेगा. इसमें कहा गया है कि ‘लव जिहाद’ के जरिये सभी हिंदू और वनवासी लड़कियों को मुसलमान बनाया जायेगा. इसमें धमकी दी गई है कि आदेश नहीं मानने वालों को एक महीने के भीतर परिणाम भुगतना पड़ेगा. पर्चे के आखिर में अल-कायदा का हवाला देते हुए पाकिस्‍तान जिंदाबाद और हिंदुस्‍तान मुर्दाबाद लिखा गया है. इसमें 786 (मुसलमानों के लिये पवित...

“ स्वयं अच्छा बनकर, दुनिया को अच्छा बनाने की क्षमता भारत में है |" - इंदुमती जी काटदरे

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वि.स.के.उदयपुर-  जयदेव पाठक जनसेवा न्यास द्वारा प्रदेश स्तरीय सप्तम “स्वर्गीय जयदेव पाठक स्मृति व्याख्यान” का आयोजन, ५ सितम्बर २०१४, सायं ५:०० बजे से विद्या निकेतन विद्यालय हिरणमगरी से. ४ उदयपुर (राज.) में किया गया |        व्याख्यान माला का प्रारम्भ भारत माता एवं माँ शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं वंदना सभा के साथ हुआ |         कार्यक्रम में मुख्य वक्ता माननीया इंदुमती काटदरे (मंत्री, पुनरुत्थान ट्रस्ट एवं संयोजक पुनरुत्थान विद्यापीठ, अहमदाबाद ),  अध्यक्ष- माननीय यशवंतसिंह जी शक्तावत (कार्य.अध्यक्ष, विद्या प्रचारिणी सभा, उदयपुर) थे | मंच पर विद्याभारती राजस्थान के सचिव एवं मा.शिक्षा बोर्ड अजमेर के पूर्व सचिव श्री भरतराम कुम्हार, वि.भा. चित्तौड़ प्रान्तीय अध्यक्ष श्री बी.एल.चौधरी, वि.भा.राजस्थान के अध्यक्ष श्री मनोहरलाल कालरा उपस्थित थे |           परिचय एवं स्वागत के बाद स्व. जयदेव जी के जीवन का परिचय एवं कार्यक्रम की प्रस्तावना विद्याभारती राजस्थान के संगठन मंत्री श्री शिवप्रसाद ...

'हिन्दू लड़कियों की पीड़ा उन्हें दिखाई क्यों नहीं देती ?'

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‘हिंदू लड़कियों की पीड़ा उन्हें दिखाई क्यों नहीं देती?’ जितने तथाकथित सेकुलर या मानवाधिकारी संगठन हैं, उनको हिंदुओं की पीड़ा दिखाई नहीं देती. वे हिंदू के कष्ट को कष्ट नहीं मानते. हजारों हिंदू बालिकाओं का कष्ट उनके दिल को आहत नहीं करता. महिला की चिंता करने का दावा करने वाले तमाम महिला संगठन ऐसे में कहां छिप जाते हैं? लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं के सन्दर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ.कृष्णगोपाल से पाञ्चजन्य की बातचीत के संपादित अंश यहां प्रस्तुत हैं. देश के विभिन्न हिस्सों से आज लव जिहाद की घटनायें सुनने में आ रही हैं. इसके फैलते व्याप के बारे में आपका क्या कहना है?  ये पूरे देश की समस्या बनती जा रही है. अनेक समाचार भी इस तरह के आ रहे हैं. कई हिस्सों में यह समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है. प्रशासन और पुलिस के लोगों द्वारा इस समस्या की गहराई से जांच करने पर यह तथ्य सामने आ रहा है कि मुस्लिम वर्ग के युवक इस पूरे षड्यंत्र में शामिल हैं. कई स्थानों पर तो वे नाम बदल लेते हैं और अन्य नामों से दूसरे संप्रदायों, खासकर हिंदू संप्रदाय की लड़कियों को बहला-फुसला...