दैनिक शाखा से नागरिकों में गुणवत्ता निर्माण होती है - पूज्यनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत
वर्तमान मेें विश्व में जितने सम्पन्न राष्ट्र है वे अपने देश के नेताओं, राजनीतिक दलों तथा संस्थाओं के कारण नहीं बल्कि अपने नागरिकों की गुणवत्ता, राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से बने है। देश के इतिहास को उठा कर देख लें, अगर भारत को भी परम वैभवशाली राष्ट्र बनाना है तो अपने देश के लोगों में गुणवत्ता के साथ-साथ राष्ट्र बोध का जागरण करना होगा। अमेरिका और जापान भी इसी रास्ते से चल कर आज वैभव के शिखर पर पहुॅचे हैै।

उक्त उद्गार पूज्यनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने 'युवा संकल्प शिविर' के समापन समारोेह में स्वयंसेवकों व आमजनों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भारत की विविधता में एकता उसकी विशेषता है। जिसका सूत्र हिन्दुत्व में निहित है और इसका मुख्य आधार वसुधैव कुटम्बकम् है।

उन्होने ने कहा कि संघ को जानने लिये शाखा में आकर अभ्यास करना होगा। यहां के कार्यक्रमों में भाग लेना होगा और संस्कारों की प्रक्रिया से गुजरते हुये अनुभव प्राप्त करने होगें तभी हम संघ को समझ सकेगें। माताओ, बहिनों के लिए भी राष्ट्रीय सेवा समिति कार्यरत है।

श्री भागवत ने कहा कि किसी भी देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा ही देश के नागरिकों का सम्मान दुनियां में बढाती है। यदि ऐसा नहीं है तो दुनियां के करोड़पति भी अपने को असुरक्षित महसूस करेगे।
संघ गुणों और संस्कारों से युक्त अनुशासित स्वंयसेवक तैयार करता है। स्वंयसेवक अपनी रूचि एवं क्षमता के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने वैभव के बल पर दुनियां पर अधिपत्य जमाता है तो वहीं चीन अपनी सीमाओं का विस्तार करता है। अगर भारत वैभवशाली बनता है तो वो अपने सदविचार व परोपकार की भावना से सभी देशों को सहयोग करेगा।
समापन समारोह की प्रारम्भ में ध्वजारोहण के बाद पश्चात विद्यार्थीयों ने व्यायाम योग व आसनों का प्रर्दशन किया। मंचासीन अधिकारियों का परिचय ब्रज प्रांत सह कार्यवाह सुभाष वोहरा ने कराया। मंच पर पूज्यनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के साथ क्षेत्र संघचालक दर्शन लाल अरोरा, डाक्टर एपी सिंह व बृजप्रांत संघचालक उपस्थित रहे।
शिविर में 2250 स्नातक,750 परास्नातक, 507 तकनीकी, 300 व्यवसायिक, 90 प्राध्यापिक, 153 गणशिक्षक व 1000 कार्यकर्ताओ सहित कुल 5060 स्वंयसेवकों ने भाग लिया।
Comments
Post a Comment