दलितों और अति पिछड़ों में समरसता बढ़ाने की जरूरत है। - भागवत जी
अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक लखनऊ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पूज्यनीय श्री मोहन भागवत जी ने लखनऊ में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में बदलाव सत्ता से नहीं, समरसता और सेवा कार्यों से आता है। उन्होंने कहा ‘जबतक समाज साथ में खड़ा नहीं होता, नेता, नारे, पार्टी, सरकार और चमत्कार से समाज का भला नहीं हो सकता।’
श्री भागवत जी ने कहा कि दलितों और अति पिछड़ों में समरसता बढ़ाने की जरूरत है। खासकर युवाओं में संघ कार्यों के प्रति बढ़ी रूचि को स्थायी स्वरूप देने की जरूरत है। हिंदुओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिशों के प्रति सतर्क रहना होगा ताकि मजबूती से जवाब दिया जा सके।
सरसंघचालक जी ने ने कहा कि संघ कभी मुस्लिमों का विरोधी नहीं रहा, लेकिन तुष्टिकरण का साथ कभी नहीं दिया जाएगा। देश के कई प्रदेशों में तुष्टिकरण के नाम पर द्वेष की राजनीति की जा रही है। समाज तोड़ने की साजिश के प्रति सतर्कता बरती जानी चाहिए। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही हैं। समाज-परिवर्तन के लिए लोगों की मन:स्थिति बदलना जरुरी होता है और यह काम संघ जैसी संस्था ही कर सकती हैं।
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