अजमेर महानगर में पथसंचलन के साथ सम्पन्न हुआ विजयादशमी उत्सव
अजयमेरु महानगर का विजयदशमी उत्सव आज 3.10.14 को सुभाष उद्यान में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन संत ऐलाचार्य श्री श्री 108 वसुनन्दी जी महाराज ने की। प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री नारायण लाल जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

जैन संत ऐलाचार्य वसुनंदी ने कहा की प्राणी मात्र के जीने का आधार देश होता है | जो देश की रक्षा क्र साथ देश का संवर्धन करना चाहते है, वही सच्चे धार्मिक है | भारतीय संस्कृति दया मूलक है, अहिंसा उसका प्राण है | हिन्दू शब्द का अर्थ ही अहिंसक होना है उन्होंने संघ कार्य की प्रशंशा करते हुए कहा की विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन के रूप में संघ सद्गुणों के प्रसार एवं सज्जन शक्ति के संगठन में निस्वार्थ भाव से लगा हुआ है | उन्होने स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने, गो हत्या बंद करने, गो मांस निर्यात पर रोक लगाने के लिय सम्पूर्ण समाज के सहयोग की आवश्यकता बताई | इससे पूर्व विभिन्न अस्त्रों एवं शस्त्रों का विधि विधान से पूजन किया गया |

शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्यवक्ता श्री नारायणलाल जी ने बताया की विजयादशमी आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की विजय का पर्व है, कलियुग में संगठन ही शक्ति है, उन्होंने नित्य शाखा की साधना के माध्यम संगठन कार्य को और अधिक विस्तृत करने का आह्वाहन किया |
पथसंचलन में 1160 गणवेश धारी स्वयंसेवको ने भाग लिया | स्वयंसेवको द्वारा योग व्यायाम का शारीरिक प्रदर्शन भी किया गया | महानगर के मुख्य मार्गों से निकले पथ संचलन में भगवा धवज पर पुष्प वर्षा एवं तोरण द्वार लगा कर समाज द्वारा भावपूर्ण स्वागत किया गया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन संत ऐलाचार्य श्री श्री 108 वसुनन्दी जी महाराज ने की। प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री नारायण लाल जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

जैन संत ऐलाचार्य वसुनंदी ने कहा की प्राणी मात्र के जीने का आधार देश होता है | जो देश की रक्षा क्र साथ देश का संवर्धन करना चाहते है, वही सच्चे धार्मिक है | भारतीय संस्कृति दया मूलक है, अहिंसा उसका प्राण है | हिन्दू शब्द का अर्थ ही अहिंसक होना है उन्होंने संघ कार्य की प्रशंशा करते हुए कहा की विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन के रूप में संघ सद्गुणों के प्रसार एवं सज्जन शक्ति के संगठन में निस्वार्थ भाव से लगा हुआ है | उन्होने स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने, गो हत्या बंद करने, गो मांस निर्यात पर रोक लगाने के लिय सम्पूर्ण समाज के सहयोग की आवश्यकता बताई | इससे पूर्व विभिन्न अस्त्रों एवं शस्त्रों का विधि विधान से पूजन किया गया |

शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्यवक्ता श्री नारायणलाल जी ने बताया की विजयादशमी आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की विजय का पर्व है, कलियुग में संगठन ही शक्ति है, उन्होंने नित्य शाखा की साधना के माध्यम संगठन कार्य को और अधिक विस्तृत करने का आह्वाहन किया |
पथसंचलन में 1160 गणवेश धारी स्वयंसेवको ने भाग लिया | स्वयंसेवको द्वारा योग व्यायाम का शारीरिक प्रदर्शन भी किया गया | महानगर के मुख्य मार्गों से निकले पथ संचलन में भगवा धवज पर पुष्प वर्षा एवं तोरण द्वार लगा कर समाज द्वारा भावपूर्ण स्वागत किया गया |

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